Bihar Land Survey Rule 2025: सभी भूमिधारकों के लिए बड़ी खबर, बिहार भूमि सर्वे के नए नियम जारी

Bihar Land Survey Rule 2025: सभी भूमिधारकों के लिए बड़ी खबर, बिहार भूमि सर्वे के नए नियम जारी

Bihar Land Survey Rule 2025: सभी भूमिधारकों के लिए बड़ी खबर, बिहार भूमि सर्वे के नए नियम जारी

Bihar Land Survey Rule 2025

बिहार राज्य में पिछली भर्ती यानी 2024 के 20 अगस्त से भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया को चालू किया गया है। राज्य सरकार के द्वारा यह सर्वेक्षण इसलिए किया जा रहा है ताकि यहाँ के भूमि के निजी स्वामित्व की पहचान हो सके और सरकारी जमीनों का विवरण प्रत्यक्ष रूप से सामने आ सके।

जमीनी प्रक्रिया के इस सर्वेक्षण के दौरान समय अवधि कम होने के कारण जमीन के मालिकों के लिए कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बताते चलें कि जमीन प्रक्रिया के सर्वेक्षण के लिए जो नियमावली लागू की गई है उसमें कई प्रकार की त्रुटियाँ भी देखने को मिल रही है।

भूमि स्वामित्व की इसी समस्या के समाधान के लिए तथा उनके लिए सर्वेक्षण हेतु अधिक समय अवधि प्रदान करने हेतु हाल ही में जमीन सर्वेक्षण की नियमावली में कई प्रकार के महत्वपूर्ण संशोधन कर दिए गए हैं। इसके अलावा उनकी अधिक सुविधा के लिए नए नियमों को भी शामिल किया गया है।

Bihar Land Survey Rule

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बिहार राज्य में हाल ही में मंगलवार के दिन मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक के दौरान भूमि सर्वेक्षण की नियमावली में संशोधन करने के लिए कैबिनेट के सदस्यों के द्वारा अपने-अपने मत जताएं गए हैं।

इन मतों के दौरान नए नियमावली को लागू करते हुए कैबिनेट के 33 एजेंट के द्वारा अपने मोहर लगाई गई है। बताते चले कि वर्ष 2025 से इन सभी जमीन सर्वेक्षण के नियमों को आधिकारिक रूप से लागू कर दिया गया है। जिससे अब भूमि के स्वामित्व के लिए काफी सहूलियत होने वाली है।

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भूमि सर्वेक्षण के लिए नए नियम

• पिछले दिनों की तुलना में अब सर्वे की मियांद को 6 महीने तक बढ़ा दिया गया है।

• राजस्व ग्राम के मानचित्र के सत्यापन की अवधि को 3 महीने तक कर दिया गया है।

• रैयतों से दावा की अवधि को बढ़ाकर 60 महीने यानी 2 महीने तक कर दिया गया है।

• इसके अलावा जमीन के दस्तावेजों को जमा करने की अवधि 3 महीने तक और बढ़ाई जा चुकी है।

जमीन सर्वेक्षण नियमावली में संशोधन का उद्देश्य

जमीनी सर्वेक्षण की प्रक्रिया के दौरान सबसे पहले चरण में ग्रामीण क्षेत्र के जमीन सर्वेक्षण का कार्य किया गया है। जिसके दौरान रैयतों को दाखिल खारिज समेत अन्य कई प्रकार के कार्यों में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था तथा सरकारी कार्यालय के चक्कर भी लगाने पर रहे थे। इसी समस्या के समाधान के उद्देश्य से जमीनी सर्वेक्षण की नई नियमावली जारी की गई है।

जमीन सर्वेक्षण नई नियमावली से सुविधाएँ

• अब जमीन के स्वामित्व के लिए जमीन सर्वेक्षण हेतु अधिक समय मिल पाएगा।

• इस समय के दौरान वे बिना किसी भी व्यवधान के आराम से अपने जमीन सर्वेक्षण का कार्य करवा सकेंगे।

• वे सर्वेक्षण के साथ अपनी जमीनी दस्तावेज भी 3 महीने के दायरे में किसी भी समय जमा कर सकते हैं।

• अब जमीन के मालिकों के लिए ग्राम पंचायत या किसी भी सरकारी कार्यालय होने के चक्कर लगाने की आवश्यकता भी नहीं होगी।

जमीनी सर्वेक्षण के लिए आवेदन संख्या

बिहार में जमीनी सर्वेक्षण के लिए आवेदन संख्या आपेक्षित रूप से 7 लाख तक का है, जबकि अभी तक 3 लाख तक आवेदन प्राप्त किए गए हैं। प्राप्त की गई यह आवेदन प्रक्रिया कुल आवेदनों का केवल 40% हिस्सा है। आवेदन की संख्या कम होने पर सर्वे टीम निरंतर ही सर्वेक्षण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वे कर रही है। ऐसे में सभी नागरिकों के लिए अपनी जमीन का सर्वेक्षण करवाने के लिए आवेदन कर देना चाहिए।

जमीन सर्वेक्षण के लिए आवेदन कैसे करें ?

• आवेदन करने के लिए सबसे पहले DIRS की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।

• इस वेबसाइट के होम पेज पर अपनी जमीनी जानकारी के साथ अन्य मुख्य विवरण दर्ज करना होगा।

• यह जानकारी दर्ज करने के बाद जमाबंदी रसीद को स्कैन करके अपलोड करें।

• अब फॉर्म को भरना होगा एवं सबमिट बटन की सहायता से जमा कर देना होगा।

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